तारा ने हवाई जहाज कि सीट पर बैठ कर चैेन की सांस ली और सोचने लगी जब मन उंमग और उत्साह हो तो जीवन तनावरहित हो तो हर चीज़ कितनी अच्छी लगती है मानों चारों तरफ बहार ही बहार हो और बगल वाली सीट पर बैठा पति समीर जो अभी कुछ चौबीस घंटे पहले ही बना था तारा ने एक नजर समीर को देख फिर अपनी नजरों से पूरे जहाज के अंदर आ रहे लोगों को देखने लगी
और एक एयरहोस्टेस अपना काम करते हुए लोगों को अपनी अपनी सीट पर बैठने के लिए कह रही थी
और साथ ही अपनक अपनी सीट बैल्ट बांधने के लिए घोषणा होने लगी तारा अपनी सीट बैल्ट नही बांध पा रही थी तो समीर ने तारा की सीट बैैल्ट बाांधने नही में तारा की मदत कर दी और कुछ हीे देर में जहाज ने अपनी उड़न भरनी शुरू करते हुए धीरे-धीरे आसमान से बाते करने लगा और जहाज. अपना देश छोड़कर दूसरे देश की ओर रवाना हो गया
और अब तारा और समीर दोनों इन चौबीस घंटों की भाग दौड़ में थक कर चूर हो गये थे क्योंकि शादी भी बडी़ जल्दी जल्दी में हुई थी और फिर तारा और समीर कल से दो दिन के रेलगाड़ी का सफर और फिर जहाज तक आने का तक का सफर पूरा एक हफ्ते की भागा दौड़ी दोनों को एक दूसरे से बाते करने का समय भी नहीं मिल पाया था और अब तारा की सोच पिछले
एक हफ्ते घटनाक्रम आंखों के सामने आने लगा था और समीर तो जहाज में अपनी सीट पर बैठ कर सो गया था और तारा जहाज के बाहर का नजारा देखने का आंनद उठाने लगी लेकिन तारा कब अपनी पछली छोड़कर आई जिंदगी की तरफ चली गई
जब तारा अपनी मां रमा और बहन बिन्दू के साथ देहरादून के एक छोटे से गांव में रहा करती थी
और तारा अपना बचपन छोड़कर यूवा अवस्था मे कदम रख ही था कि तारा के पिता एक पासपोर्ट बनाने बाले दलाल के साथ दूसरे शहर में काम करने चले गए थे और ज्यादा पैसे कमाने के लालच में तारा के पिता ने अपनी पत्नी के गहने और अपनी गांव की जमीन बेच कर किसी दूसरे दलाल को पैसे दे कर तब दूसरी जगह बिदेश का बिजा लगा और पहले लोगों पानी बाले जहाज से ही बिदेश के लिए जाया करते थे और तारा के पिता भी पानी के जहाज से ही बिदेश के लिए जा रहे थे लेकिन रास्त
में ही एक जगह जा कर जहाज रूक गया था और तारा के पिता का दलाल जो सभी को गलत तरीके बिदेश ले कर जा रहा था तो उस दलाल ने सभी किसी तरह छुपा छुपा कर ले जा रहा था और अभी भी वो सभी लोगों को छुप कर बैठने की सलाह दे रहा था क्योंकि इस पानी के जहाज में लोग बिदेश जा रहे थे वो सभी लोग इस धोखेबाज दलाल की असलियत नही जानते थे क्योंकि ये दलाल सभी लोगों से ठगी करता था और गांव के भोले भाले लोगों बिदेश ले जाने के लिए गलत तरीके का इस्तेमाल करता था
✍️ क्रमशः ✍️